कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा हेलीकाप्टर द्वारा लखनऊ हवाई अड्डे / शहर / बस स्टैंड से शुरू होती है। यह तीर्थयात्रा ९ दिनों का है पुलान सीमा के माध्यम से। तीर्थयात्रा कार्यक्रम में अधिक पढ़ें.
लखनऊ एयरपोर्ट (Google Map)
१० बजे सुबह
सबसे पहला दिन हमलोग लखनऊ पहुंचेंगे फिर वह से १० बजे के करीब नेपालगंज के लिए आगे बढ़ेंगे. यलखनऊ से नेपालगंज की तीर्थयात्रा बस द्वारा – १८० किमी -४ घंटे की तीर्थयात्रा होती है. रात में ४ सितारा होटल में खाना खाने के बाद आराम करेंगे ।
दूसरा दिन नास्ता के बाद नेपालगंज हवाई अड्डा जायेंगे वहां से सिमिकोट के लिए उड़न भरेंगे. समय ४५ मिनट लगेगा फिर रात में सिमिकोट में तीन सितारा होटल /अतिथि गृह में आराम करेंगे . दिन का खाना और रात का खाना सिमिकोट में दिया जायेगा
नाश्ते के बाद, हेलीकॉप्टर से हिलसा के लिए उड़न भरेंगे तीस मिनट तक , वहां से वीजा प्रक्रिया करके तिब्बत में प्रवेश करेंगे , फिर चीनी बस द्वारा हिलसा से पुलान / तकलाकोट के लिए रवाना होंगे। तकलाकोट में दिन का भोजन करेंगे फिर वहाँ से पवित्र मानसरोवर झील तक की तीर्थयात्रा बस से करेंगे जोकि 56 किलोमीटर दूर है , मानसरोवर में रात का भोजन करेंगे । फिर रात भर आराम करेंगे अतिथि गृह में. यहां से आप पवित्र कैलाश पर्वत की पहली झलक देख सकते हैं.
सुबह सुबह उठकर, झील में पवित्र स्नान किया जाएगा और भोले नाथ की मन से पूजा कीजिये इसके बाद मानसरोवर झील की परिक्रमा करेंगे बस से , जो लगभग 88 किलोमीटर है और परिक्रमा के बाद आगे बढ़ेंगे दारचेन की तरफ, जो कि पवित्र पर्वत कैलाश के सामने स्थित है। इसकी ऊंचाई 4610 मीटर है और इस क्षेत्र में तीर्थ तीर्थयात्रा के लिए शुरुआती बिंदु और समापन बिंदु है। यह लगभग 2 घंटे झील मानसरोवर (चुई गोम्पा) से तीर्थयात्रा है, झील से लगभग 40 किमी। रात का आराम अतिथि गृह में सह यात्री के साथ शेयरिंग पे
नोट- दारचेन में अतिथि गृह बहुत सरल और साधारण हैं , अगर आप फोर स्टार होटल में रुकना चाहते हैं तो अतिरिक्त भुगतान कर ले सकते हैं। कीमत ५०००- ६००० रुपया प्रति रात
• भोजन: नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन
• क्या करें: भगवन शिव के घर कैलाश पर्वत की झील से पहली नजारा और नज़दीकी दृश्य, परिक्रमा ।
• आवास: सह यात्री के साथ शेयरिंग आधार पर अतिथि गृह । लॉज।
• परिवहन: एसी लक्जरी बस / जीप या किसी अन्य वाहन। (मौसम और सड़क की स्थिति के अधीन एसी।)
. शौचालय और नहाने की सुविधा- सामान्य
आज हम पहली दिन की परिक्रमा की सुरुवात करेंगे। बस द्वारा हमलोग यमद्वार पहुंचेंगे वहाँ से हम लोग पैदा परिक्रमा की सुरुवात करेंगे डेराफुक तक के लिए. घोड़े आपको यमद्वार के पास मिल जायेगा जो की तीन दिन के परिक्रम के लिए बीस से पच्चीस हजार रुपया लेगा अगर आप यहां घोडा नहीं लेते हैं फिर वो आपको कहीं नहीं मिलेगा | अगर आप वाहन से जाना चाहते हैं तो लैंड क्रूजर मिल जायेगा और वो केवल डेराफुक तक के लिए १००० से १५०० रुपया आपसे मांगे गा। ६ घंटे की परिक्रमा के बाद रात का आराम साधारण से अतिथि गृह में।
नोट- डेराफुक में अतिथि गृह बहुत सरल और साधारण हैं
भोजन: नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन
आवास: सह यात्री के साथ शेयरिंग आधार पर अतिथि गृह । लॉज।
शौचालय और नहाने की सुविधा- उपलब्ध नहीं
आज हम दूसरे दिन की परिक्रमा की सुरुवात करेंगे नास्ता के बाद . आज का दिन सबसे कठिन रहेगा पूरी तीर्थयात्रा के दरम्यान। आज हमें २२ किमी की परिक्रमा करनी है वो भी पैदल या फिर घोड़े से। डोलमाला पास सबसे ऊँचा स्थान हैं २१००० फ़ीट , बिल्कुल पवित्र गुफा के सबसे ऊँची छोटी के सामने से गुजरेंगे उसके बाद निचे उतरेंगे ज़ुठुल्फुक की तरफ. 12 घंटे की परिक्रमा के बाद रात का आराम साधारण से अतिथि गृह में।
नोट- ज़ुठुल्फुक में अतिथि गृह बहुत सरल और साधारण हैं
भोजन: नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन
आवास: सह यात्री के साथ शेयरिंग आधार पर अतिथि गृह । लॉज।
शौचालय और नहाने की सुविधा- उपलब्ध नहीं
आज फिर परिक्रमा सुरु करेंगे ज़ुठुल्फुक से , ६ किमी की परिक्रमा के बाद बस से दारचेन वापस आ जायँगे , भोजन कर्नेगे फिर बस से तकलाकोट रवाना हो जायेंगे मानसरोवर झील होते हुए | तकलाकोट में तीन सितारा होटल में आराम करेंगे रात भर
नोट- तकलाकोट में तीन सितारा होटल
भोजन: नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन
• क्या करें: प्रकृति की सुंदरता का आनंद लें और आनंद लें
• आवास: तकलाकोट में तीन सितारा होटल
• परिवहन: एसी लक्ज़री कोच (मौसम और सड़क की स्थिति के अधीन एसी।)
. शौचालय और नहाने की सुविधा- उपलब्ध
नाश्ते के बाद, हिल्सा बॉर्डर की ओर वापसी की तीर्थयात्रा करेंगे , दोपहर का खाना हिलसा में खाएंगे , फिर हेलीकाप्टर से सिमिकॉट पहुंचेंगे । सिमिकॉट में रात भर आराम करेंगे | रात्रिभोज 3 सितारा होटल / गेस्ट हाउस में ।
आज तीर्थयात्रा का आखिरी दिन हैं | नास्ते के बाद, हवाई जहाज पकडे और नेपालगंज पहुंचेंगे , वहां से गाड़ी से लखनऊ वापस आ जायेंगे । ये तीर्थयात्रा अब हमारी मीठी यादों के साथ यही समाप्त हो जायेगा। बम बम भोले |